“ठीक से बैठो”, “30 की हो गई और अभी तक शादी नहीं की”, “अरे जॉब करके क्या करोगी, आगे बच्चा ही तो पालना है”, “बड़ी बेशर्म हो इतने छोटे कपड़े पहनी हो”, ये वो बाते हैं जो हर लड़की को शायद लूप मोड में समाज के प्लेलिस्ट में सुननी पड़ती है और अगर गलती से भी तुमने ट्रैक बदलने की सोची तो तुम बन जाती हो सोसायटी के संस्कारी स्टैंडर्ड में ना फिट होने वाली बिगड़ी हुई लड़की।
क्या कभी इन बंदिशों की लक्ष्मण रेखा को पार करने की कोशिश की है या फिर बिगड़ने की कोशिश की है। ट्राई करके देखो, बड़ा मज़ा आएगा और दिल को सुकून भी मिलेगा। लड़कियों, मैं तुम्हारी मदद के लिए मिलवाती हूं इन स्टीरियोटाइप्स को तोड़ने वाली ‘गज़ब वुमनिया’ से।
‘गज़ब वुमनिया’ अपनी शर्तों पर जीना जानती है और ‘हाय राम ज़माना क्या कहेगा’ का लोड ज़्यादा नहीं लेती है। उसपर ना ही किसी पड़ोस वाली आंटी के फिज़ूल के लेक्चर का असर होता है और ना ही लड़कियों के लिए बने कोई भी बेफिज़ूल के नियम उसपर चलते हैं।
ये ‘गज़ब वुमनिया’ हर लड़की लिए बहुत खास है। खास इसलिए कि वह अपने साथ ही तमाम लड़कियों को भी बिगड़ना सिखाती है, वह बताती है कि लड़कियों के लिए बनी समाज में बंदिशों के खिलाफ कैसे जवाब देना है। वह अलग-अलग सिचुएशन में सोसाइटी को अपने अंदाज़ में गज़ब का जवाब देती है। जैसे-अगर कोई आंटी उसके काले रंग को लेकर चिंता जताती हैं तो वह सीधे कहती है-“अरे आंटी आइए अपने रंग से आपकी सोच पर भी टीका लगा दूं।”
‘गज़ब वुमनिया’ मेरी कल्पना ज़रूर है लेकिन उसके साथ ही वह मेरे जीवन की एक ऐसी साथी है जो मुझे असल ज़िन्दगी की हर सिचुएशन में एक राह दिखाती है। वह मुझे बताती है कि लड़की होने के कारण जब समाज आपकी आज़ादी पर पहरा देने लगे तो उस समाज को कैसे अपने स्टाइल में हैंडल करना है।
‘गज़ब वुमनिया’ मेरी अपनी झलक है और उसके जवाब देने के अनोखे स्टाइल में मेरे अंदर का विरोध है। अपने परिवार में तो कभी मुझे लड़कियों के लिए बने स्टीरियोटाइप्स को झेलना नहीं पड़ा लेकिन यह समाज मुझे भी हर मोड़ पर लड़की होने का एहसास दिलाता रहा है। कई मामलों में तो मैंने उस सिचुएशन में सीधे जवाब दिया लेकिन कई ऐसे भी मौके आए जब मैं जवाब दे नहीं सकी। आज वे सारे जवाब ‘गज़ब वुमनिया’ मेरी तरफ से दे रही है। तो आइए नज़र डालें ‘गज़ब वुमनिया’ कॉमिक सीरिज़ पर और ‘गज़ब वुमनिया’ की तरह हम सब एक बार बिगड़ने की कोशिश करें।
गज़ब वुमनिया को हल्के में ना लें, समाज के स्टीरियोटाइप्स को हर बार गज़ब तरीके से तोड़ती रहेगी गज़ब वुमनिया।
समाज की छोटी सोच को गज़ब वुमनिया की लम्बी ज़ुबान ही ठीक कर सकती है।
लड़कियों की आज़ादी पर सवाल उठाने वालों के पास अजीबोगरीब तरह के कॉमेंट और सवाल होते हैं। अगर आपसे कभी ऐसे सवाल या कॉमेंट किए जाए तो गज़ब वुमनिया के स्टाइल में जवाब दीजिए।
गज़ब वुमनिया अपनी बॉडी से जुड़े फैसले खुद लेती है इसलिए आइंदा उस पर वैक्सिंग जैसे स्टीरियोटाइप्स लादने की कोशिश मत कीजिएगा।
“ज़रूर कोई लड़की गाड़ी चला रही होगी”, महिला ड्राइवर्स को देखकर यह बात कहने वालों पहले एकबार आप ज़रा गज़ब वुमनिया की भी बात सुन लें तो अच्छा होगा।
शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है और उससे भी हानिकारक है शराब को लेकर जेंडर स्टीरियोटाइप।
बाइक चलाती गज़ब वुमनिया को आंटी की बेतुकी सलाह बिल्कुल पसंद नहीं आई। इसलिए आप भी बाइक चलाती किसी लड़की को कभी ऐसा कुछ ना कहें।
अगली बार जब कोई आपके बैठने के स्टाइल को लेकर सलाह दे तो उसे गज़ब वुमनिया के स्टाइल में ज़रूर कहें “ये आराम का मामला है।
“अरे! लड़की हो, ऐसे रहो, ये करो, ये मत करो”- लड़कियों पर किए जाने वाले सारे स्टीरियोटाइप्स का जवाब देने आ गई है गज़ब वुमनिया।
लड़कियों के बाल तो लंबे ही होने चाहिए! ये उटपटांग स्टीरियोटाइप गज़ब वुमनिया को नहीं भाते इसलिए अगली बार से उसे ऐसी सलाह न दें।
या तो गज़ब वुमनिया से उलझो मत या तो मन में कोई डाउट मत रखो, आगे से ये स्टूपिड बातें खुद तक रखना।
शादी के लिए लड़की हमेशा लड़के से उम्र में छोटी होनी चाहिए, ऐसी सोच रखने वालों को जवाब देने आ गई है
अगर आपको भी अकेले घूमने पर ऐसी सलाह दी जाती है तो अगली बार से उसे गज़ब वुमनिया के स्टाइल में ज़रूर जवाब दें।
भागी लड़की नहीं है भाग हमारे लॉजिक गये हैं, जिसको हमलोग पकड़ नहीं पा रहे हैं। बाकी गज़ब वुमनिया से बेतुकी बात करिएगा तो जवाब तो सुनना पड़ेगा।
“रोटी गोल बेलनी नहीं आती? शादी के बाद तो यही करना है, सीख लो।”- आज के बाद अगर आपसे कोई ऐसे सवाल पूछे तो उसका जवाब गज़ब वुमनिया स्टाइल में दीजिए।
अगर कोई कहे “लड़की हो तुम!”, तो उनको ‘गज़ब वुमनिया’ का ये जवाब।
उन तमाम लोगों को ‘गज़ब वुमनिया’ का ये जवाब जो लड़कियों को बताते हैं किस उम्र में क्या करना है।
शादी के नाम पर तुम्हारा भी कोई इंटरव्यू लेने आए तो ‘गज़ब वुमनिया’ का ये जवाब याद रखना।
गोरेपन की तरह-तरह की तरकीब सुझाने वालों को ‘गज़ब वुमनिया’ का ये जवाब देते जाना।
मीडिया वाले बॉस जब तुमको ‘लड़की हो सॉफ्ट स्टोरी करो’ बोलें तो ‘गज़ब वुमनिया’ का ये जवाब मत भूलना।
अगली बार किसी लड़की को नाज़ुक कहने से पहले सोच लेना, कहीं आपको भी ‘गज़ब वुमनिया’ के किक जैसा झटका ना लग जाए।
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