Quantcast
Channel: Staff Picks – Youth Ki Awaaz
Viewing all articles
Browse latest Browse all 4788

अपने शहीद दोस्तों के परिवारवालों के लिए फंड इकट्ठा कर रहे हैं CRPF के ये जवान

$
0
0

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद पूरा देश सदमे में है। 42 सीआरपीएफ के जवानों की शहादत के बाद देशभर से पाकिस्तान के खिलाफ विरोध के स्वर उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर कोई पाकिस्तान के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहा है तो कोई एक और सर्जिकल स्ट्राइल पर ज़ोर दे रहा है।

इन सबके बीच कुछ सीआरपीएफ के जवान अपने साथियों के साथ मिलकर पुलवामा आतंकी हमले में शहीद जवानों के परिवारवालों के लिए फंड इकट्ठा कर रहे हैं। 15 फरवरी से शुरू हुए इस कैंपने का नाम “पुलवामा रिलीफ फंड” रखा गया है।

रिलीफ फंड के सदस्यों में से एक देहरादून में वकालत की पढ़ाई करने वाले धीरज सिंह ने बताया, “अभी शुरुआती दौर में ‘पुलवामा रिलीफ फंड’ के तहत लोग उनकी मुहीम के साथ जुड़ तो रहे हैं लेकिन कोई खास रिस्पॉन्स नहीं आ रहा है। लोग सामने तो आ रहे हैं लेकिन कहीं ना कहीं उनके ज़हन में यह चीज़ें हैं कि वाकई में इन राशि का सही तरीके से प्रयोग किया जाएगा या नहीं।”

विक्रांत सिंह
‘पुलवामा रिलीफ फंड’ के ज़रिए अपने शहीद दोस्तों के परिवारवालों को मदद पहुंचाने वाले विक्रांत सिंह।

गौरतलब है कि खबर लिखे जाने तक महज़ पांच हज़ार राशि ही जमा हो पाई है। असम के 48 बटालियन के विक्रांत सिंह जो खुद ‘पुलवामा रिलीफ फंड’ से जुड़े हैं, उनका कहना है कि शहीदों के परिवारवालों में वह जिन्हें जानते हैं उनकी स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है।

Youth Ki Awaaz से बात करते हुए विक्रांत बताते हैं कि कुछ माह पहले वह खुद कश्मीर के 92 बटालियन का हिस्सा थे, जहां से पुलवामा हमले में पांच जवान शहीद हुए हैं। पुलवामा आतंकी हमले में विक्रांत के कई मित्र भी शहीद हुए हैं।

विक्रात कहते हैं, “कश्मीर के 92 बटालियन के विजय कुमार मोर्य भी पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए हैं जो मुझसे 6 साल सीनियर थे लेकिन हमलोग एक ही बटालियन में थे। हमने उनके साथ साढ़े चार साल ड्यूटी करी। अगल-बगल हमारी चारपाई रहती थी। दिन-रात ड्यूटी करना, सुबह से शाम एक ही साथ जाना और आना लगा रहता था। यहां तक कि हमलोग छुट्टी में भी कभी-कभी साथ आते-जाते थे।”

विजय कुमार मोर्य
शहीद कॉन्स्टेबल विजय कुमार मोर्य।

बकौल विक्रात, “हमने 7 तारीख को विजय से व्हाट्सअप वीडियो कॉल के ज़रिए बात की थी। उनकी डेढ़ साल की एक छोटी बेटी है जिसका नाम अंशिका है। उनके एक भाई भी फोज में थे, जो पहले ही शहीद हो चुके हैं। विजय कुमार मोर्य की पत्नी का नाम विजयलक्ष्मी है जिन्हें सान्तवना देते-देते मैं खुद रोने लगा।”

विजय सिंह
अपनी बेटी अंशिका के संग कॉन्स्टेबल विजय कुमार मोर्य। (पुलवामा हमले से पहले की तस्वीर)

पुलवामा आतंकी हमले में शहीद जवानों के परिवारवालों की मदद के लिए चालाए जा रहे रिलीफ फंड पर बात करते हुए विक्रात कहते हैं कि अभी लोगों की प्रतिक्रियाएं उतनी नहीं आ रही हैं। शायद लोगों को लगता होगा कि पैसों का गलत प्रयोग किया जाएगा, उनसे मैं बस यही गुज़ारिश करना चाहूंगा कि ऐसे वक्त पर इन चीज़ों में ना ध्यान देकर जवानों के परिवारवालों के साथ खड़े रहिए, क्योंकि उन्हें आपकी बहुत अधिक ज़रूरत है।

उल्लेखनीय है कि इंडियन आर्मी (राष्ट्रीय राइफल) के रौशन सिंह भी पुलवामा रिलीफ फंड के साथ जुड़कर अपना योगदान दे रहे हैं।

‘पुलवामा रिलीफ फंड’ की मुहीम के साथ जुड़कर आप भी शहीद जवानों के परिवारवालों को मदद पहुंचा सकते हैं। आर्थिक सहायता करने के लिए डिटेल्स इस प्रकार हैं-

खाता संख्या- 918791305323

आईएफएस कोड- PYTM0123456

मोबाइल नंबर- 8791305323, 8840120507, 8115780859, 9838410038

सहयोगी- धीरज सिंह, आशुतोष राय, पंडित अश्वनी तिवारी, गुरपिंदर सिंह और विक्रांत सिंह।


 

The post अपने शहीद दोस्तों के परिवारवालों के लिए फंड इकट्ठा कर रहे हैं CRPF के ये जवान appeared first and originally on Youth Ki Awaaz and is a copyright of the same. Please do not republish.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 4788

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>