स्वादिष्ट व्यंजन का सेवन भारतीयों का शौक है, जहां हम पराठे-सब्ज़ियों, इडली-डोसा, समोसे, खाखरा, रसगुल्ला को काफी चाव से खाते हैं। हम आदिवासियों के स्वदेशी खाने से ज़्यादा वाकिफ नहीं हैं। आदिवासी व्यंजनों को मुख्यधारणा से जोड़ने का काम कर रहा है, रांची के कांके में स्थित एक रेस्टोरेंट- आजम एम्बा। ‘आजम एम्बा’ कुरुक भाषा से उद्घृत शब्द है, जो ओराओं आदिवासियों द्वारा बोली जाती है। इसका हिंदी अर्थ...
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