मैं पहले चाय समोसा की दुकान लगाता था लेकिन लॉकडाउन में दुकान बंद हो गई, कोरोना की वजह से घर-परिवार भुखमरी के कगार पर आ गया तो अब मैं सब्ज़ी की दुकान लगाने लगा हूं। यह कहते हुए मऊ कस्बे के छोटेलाल गुप्ता की आंखों से आंसू बहने लगते हैं। अपनी आंखों से बहती आंसुओं को पोछते हुए छोटेलाल कहते हैं, “जब कोरोना की वजह से सब कुछ बंद हुआ तो मैं सब्ज़ी की दुकान लगाने लगा, दुकान लगाने का समय प्रशासन बदलता रहता...
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