अगस्त महीने की 27 तारीख को माननीय सर्वोच्च न्यायालय की पांच सदस्यों की बेंच ने भारत की अनुसूचित जातियों के संवैधानिक आरक्षण के विषय में एक निर्णय दिया। इस निर्णय में भारत की विभिन्न राज्य सरकारों को यह अधिकार दिया गया है कि वह अपने-अपने प्रदेशों में अनुसूचित जाति आरक्षण (SC) को उप-विभाजित कर सकती हैं। इसे दूसरे शब्दों में, आरक्षण के अन्दर आरक्षण कहा जा सकता है। इसे SC आरक्षण के अंतर्गत क्रीमीलेयर...
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