विरोध करना लोकतांत्रिक व्यवस्था का आधार है, जिसे पिछले कुछ सालों में लगभग अपराध की श्रेणी में गिना जाने लगा है। पिछले कुछ दिनों से चल रहे किसान आंदोलन या यूं कहें कि लगभग तीन महीने से चल रहे आंदोलन, जिसने अब व्यापक रूप ले लिया है, को मेन स्ट्रीम मीडिया द्वारा आए दिन नए विश्लेषणों के साथ नवाज़ा जाता है। गौर से देखने पर हम समझ पाएंगे कि यह कहीं-ना-कहीं सरकार की ही भाषा है, जहां विरोध दर्ज़ करन...
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