Quantcast
Channel: Staff Picks – Youth Ki Awaaz
Viewing all articles
Browse latest Browse all 4788

ये पोस्ट ट्रुथ पॉलिटिक्स क्या है?

$
0
0

ब्रिटेन का यूरोपियन यूनियन से बाहर हो जाना और ट्रम्प का अमेरिका का राष्ट्रपति बनना, दोनों में एक समानता है – “पोस्ट ट्रुथ पॉलिटिक्स”

पोस्ट ट्रुथ पॉलिटिक्स है क्या ?

16 नवम्बर, 2016 को Oxford Dictionaries ने ये घोषणा की कि “पोस्ट ट्रुथ” साल का सबसे चर्चित शब्द रहा है । इसके अध्यक्ष कैस्पर ग्रैथव्होल के अनुसार “पोस्ट ट्रुथ” का वर्णन पहली बार 1992 में सर्बियन-अमेरिकन नाटककार स्टीव तेसिच के निबन्ध में पाया गया । इस लेख में “पोस्ट ट्रुथ” शब्द का उपयोग पहली बार यह दर्शाने के लिए किया गया है कि “सच अब उतना प्रासंगिक नहीं रहा।” कंपनी ने ये भी पाया कि “पोस्ट ट्रुथ” शब्द का ज़िक्र साल 2015 से 2016 में 2000 फीसदी बढ़ गया।

जानकारों का मानना है कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के पीछे “पोस्ट ट्रुथ” ही सबसे बड़ा कारण रहा। ट्रम्प ने कई झूठ बोले, तथ्यों को झुठलाया और ऐसे आम जनता का विश्वास जीता। डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने चुनावी सभाओं में और चुनाव के दौरान बराक ओबामा के ऊपर कुछ आरोप लगाए जैसे कि उनका जन्म अमेरिका में हुआ ही नहीं, वो ISIS के संस्थापक हैं, क्लिंटन परिवार कातिलों का परिवार है, इन दावों में से कुछ भी अभी तक यथार्थ पर नहीं कसा गया है। Politifact.com के अनुसार ट्रम्प द्वारा दिए गए बयानों में से सिर्फ 4 फीसदी ही सही थे । वहीं बराक ओबामा द्वारा दिए गए बयानों में से 21 फीसदी सही थे ।

“पोस्ट ट्रुथ” में यही होता है, जब सच का महत्व नहीं रह जाता। सिर्फ इंसान की भावनाएँ और विश्वास ही सर्वोपरि हो जाती हैं, भले ही उनमें कोई यथार्थ न हो। कुछ ऐसा ही जून, 2016 में हुआ जब ब्रिटेन ने यह निर्णय लिया कि वह अब यूरोपियन यूनियन का भाग नहीं रहेगा। वोल्ट लेविस ने ये दावा किया कि यूरोपियन यूनियन(EU) का भाग रहने का जो बोझ ब्रिटेन पर पड़ता है वह करीबन 350 मिलियन पाउंड साप्ताहिक है। वोल्ट का ये कहना था कि इतना पैसा ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना में लगाया जा सकता है। लोगों को ये कह के भी गुमराह किया गया कि टर्की सन 2020 तक EU का सदस्य बन जाएगा। टर्की के सदस्य बनने पर ब्रिटेन को अप्रवासियों के बढ़ने का ख़तरा था। इन सब सूचनाओं के बाद ही ब्रिटेन की जनता ने EU की सदस्यता खत्म करने का निर्णय ले लिया।

“पोस्ट ट्रुथ” ने अचानक से इतना तूल इसलिए पकड़ लिया क्योंकि 19वीं सदी से द्वितीय विश्व युद्ध तक शक्ति का केंद्र रहे ब्रिटेन और उसके बाद से अमेरिका की राजनीति में एक अनोखा और भयावह बदलाव आया है । जिसके परिणाम अभी आने वाले वक्त में दिखेंगे । अच्छे या बुरे ? ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा ।

भारत में भी आजकल इसकी हवा देखने को मिल जाती है । विमुद्रिकरण के वक्त भी तो देश भर ने आँख मूँद कर सरकार के शब्दों पर भरोसा कर लिया था । जैसा सरकार ने कहा लोगों ने मान लिया । इसी को तो “पोस्ट ट्रुथ” कहते हैं ।

फोटो आभार-फेसबुक

The post ये पोस्ट ट्रुथ पॉलिटिक्स क्या है? appeared first and originally on Youth Ki Awaaz, an award-winning online platform that serves as the hub of thoughtful opinions and reportage on the world's most pressing issues, as witnessed by the current generation. Follow us on Facebook and Twitter to find out more.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 4788

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>