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यादों की पिच पर भारत पाकिस्तान के क्रिकेट मुकाबले

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बड़े-बड़े लोग कह गए हैं कि इतिहास अक्सर खुद को दुहराता है। कभी-कभी तारीख तो बदल जाती है लेकिन वक्त वहीं ला खड़ा करता है जहां से हम कभी होकर गुज़रे थे। घड़ी की सुई एकबार फिर उसी जगह आकर अटक गई है जहां 2007 में T20 वर्ल्ड कप की शुरुआत हुई थी। दोनों टीमों के बीच पहले मुकाबले में भारत विजयी रहा था। फ़ाइनल में एकबार फिर दोनो टीमें आमने-सामने थी। मैच दिलचस्प था, पाकिस्तान जीत के मुंह से अपनी हार छीन लाया। इस मैच में जीत के साथ ही भारत T20 खेल का विश्वविजेता बन गया। जीत का जश्न लाज़िमी था। भारत में तय तारीख से पहले दिवाली मनाई गई।

Indian Cricket Team After Winning 2007 T20 Worldcup
2007 T20 वर्ल्डकप जीतने के बाद भारतीय टीम

तो एकबार फिर से मुद्दा वही है, चर्चाएं वही हैं, और जुनून भी वही है। ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2017 फाइनल में भारत-पाकिस्तान आमने सामने है और रोमांच दोनो ही देशों के क्रिकेट फैन्स के सर चढ़कर बोल रहा है। इस सिरीज़ में भी पाकिस्तान से पहला मैच भारत ने से जीत लिया था।

अक्सर जब भारत-पाकिस्तान की टीम क्रिकेट ग्राउंड में आमने सामने होती है तब दोनों देशों की चल रही तेज रफ्तार ज़िंदगी, स्कोरबोर्ड को जानने के लिये रुक जाती है। अकरम की हवा में लहराती गेंद और सचिन का अभेद बल्ला वो रोमांच किसको याद नहीं। हालांकि वक्त बदल चुका है, दोनो ही देशों के बीच कूटनीतिक संबंध बिगड़ने से क्रिकेट मैच बस किसी ICC इवेंट में ही खेले जाते हैं। लेकिन वक्त में थोड़ा पीछे जाकर देखें तो दोनों देश के बीच कई ऐसे मैच हुए हैं जहां धड़कने थम गयी थी।

2011 ODI वर्ल्ड कप, भारत और पाकिस्तान अलग-अलग ग्रुप में थे। दोनों टीमें सेमीफाइनल में पहुंची और मुकाबला एक दूसरे से ही था। मोहाली में खेले जाने वाले सेमीफाइनल में जीत का मतलब मुंबई में होने वाले फाइनल का टिकट हासिल करना था। रोमांच का आलम ये कि हर दिन की तरह जब मैं अपने गुड़गांव ऑफिस गया तो ऐलान किया गया कि आज हाफ डे कर दिया गया है। वैसे अगर हाफ डे नहीं किया जाता तो हलात ऐसे थे कि पूरा स्टाफ सामूहिक छुट्टी के लिये आवदेन कर देता।

सचिन और सहवाग क्रीज़ पर थें। भारत ने 2 ओवर में 6 रन बनाए थे। लेकिन ये पूरा माहौल तीसरे ओवर में बदल गया। उमर गुल ने तीसरे ओवर की शुरुआत की और सामने सहवाग थें। सहवाग ने इस ओवर में  5 चौके लगाए और 3 ओवर के बाद स्कोर 27 रन पहुंच चुका था। लगातार गिरते विकेट्स के बावजूद भारत ने 50 ओवर्स में 260 रन का स्कोर बना लिया। सचिन ने महत्वपूर्ण 85 रन बनाए।

Sachin Tendulkar Playing Against Pakistan in 2011 Worldcup
2011 वर्ल्डकप में पाकिस्तान के खिलाफ खेलते सचिन

पाकिस्तान ने शुरुआत तो बेहद सधी हुई की लेकिन चौथे विकेट के पतन के बाद एक के बाद एक सारे बैट्समैन पवेलियन की ओर हड़बड़ी में लौटते गएं और पूरी पाकिस्तान की टीम 49.5 ओवर्स में 231 रन बनाकर आउट हो गई। और वर्ल्डकप में पाकिस्तान का भारत को हराने का सपना एकबार फिर अधूरा रह गया।

2003 ODI वर्ल्ड कप, ग्रुप मैच में भारत का पलड़ा शुरू से ही भारी रहा था और जीत भी भारत की हुई। यूं तो भारत-पाकिस्तान के मैच का हर लमहा क्रिकेट फैन्स के ज़हन का हिस्सा हो जाता है लेकिन शोएब अख्तर की गेंद पर ऑफ साइड में सचिन का छक्का उन लम्हों की फेहरिस्त में शिर्ष पर पहुंच चुका है।

1999, चेन्नई टेस्ट मैच, उसकी यादें आज भी मेरे ज़हन में ताज़ा है। मैच की चौथी और आखीरी पारी में भारत बल्लेबाज़ी कर रहा था। शुरूआती विकेट का पतन होने के बाद क्रीज़ पर सचिन तेंदुलकर और नयन मोंगिया जम गये थे, ये साझेदारी बहुत मज़बूत होती जा रही थी। जहां पाकिस्तान के गेंदबाज़ वसीम अकरम, वक़ार यूनस, सकलैन मुस्ताक, बेअसर नज़र आ रहे थे और भारत इस कड़े मुकाबले में जीत की ओर बढ़ रहा था। मैं दर्शक के रूप में इस मैच को टीवी पर देख रहा था जहां कमेंट्री के साथ स्टंप माइक से खिलाड़ियों की आवाज़ साफ सुनाई दे रही थी।

पाकिस्तानी विकेट कीपर मोईन खान अक्सर बॉलर का नाम लेकर शाबास शाबास  कहता था। इसी दौरान एक गेंद पर नयन मोंगिया कैच थमा बैठै। कुछ ही देर के बाद सचिन, सकलैन की गेंद पर एलबीडबल्यू करार दिये गये। सचिन के आउट होते ही मैच तो हम हार ही गये थे लेकिन जिस तर्ज पर पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने सचिन के आउट होने का जशन मनाया, वह चीख चिल्लाहट, स्टंप माइक से साफ़-साफ़ सुनाई दे रही थी। व्यक्तिगत रूप से मैं यहाँ सचिन और पाकिस्तान के खिलाड़ियों से बहुत ज्यादा गुस्सा था और क्रिकट को देखना बंद कर दिया था। थोड़े समय में ये बात समझ आ गयी थी कि ये एक खेल है और इसे खेल की तरह ही देखा जाना चाहिए। जब हमें जश्न मनाने का अधिकार है तो जीत का जश्न पकिस्तान की टीम और देश भी मनायेगा, जिसका हमें खुले दिल से स्वागत करना चाहिये।

शारजाह, जावेद मियांदाद बैटिंग कर रहे थे, चेतन चौहान गेंद फेंकने के लिए दौड़ रहे थे। मैच की आखिरी गेंद और जावेद मियांदाद ने वो सिक्सर मारा जो भारत-पाकिस्तान और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा ज़िक्र में रहेगा।

9 मार्च 1996, ODI वर्ल्डकप, बेंगलूरु, भारत-पाकिस्तान के बीच क्वार्टर फाइनल मैच। इस मैच के लिए पाकिस्तान फेवरेट माना जा रहा था। इसकी वजह भी थी, बैटिंग में सईद अनवर, आमिर सोहेल, इंजमाम-उल-हक, इजाज अहमद, सलीम मलिक, जावेद मियांदाद, रशीद लतीफ गेंदबाज़ी में वसीम अकरम, वक़ार यूनिस, मुस्ताक अहमद, जैसे दिग्गजो के नाम शामिल थे। भारत में सचिन, अजय जाडेजा, नवजोत सिंह सिधु, अनिल कुंबले, जवागल श्रीनाथ और अज़हर के सिवा तकरीबन सारी टीम नयी थी। मसलन स्पिनर राजू और मीडियम पेस बॉलर वेंकटेश प्रसाद। चोटिल वसीम अकरम इस मैच से बाहर हो गये जिस के चलते आमिर सोहेल को पकिस्तान का कप्तान नियुक्त किया गया।

भारत ने टॉस जीतकर पहली बल्लेबाज़ी की। जहां टीम के ओपनर सचिन और सिद्धु ने सधी हुई शुरुआत की। शुरुआती ओवर्स में  रनरेट काफी कम था। पारी के अंत में अजय जडेजा बैटिंग करने आये, जिन्होंने वक़ार यूनस की गेंद पर सिक्स जड़ दिया। भारत ने आखिरी के 4 ओवर्स में 57  रन बनाए। उस दौर की क्रिकेट के लिए 287 रन जीत की गारंटी मानी जा सकती थी।

लेकिन सईद अनवर और आमिर सोहेल, विस्फोटक बल्लेबाज़ी कर रहे थे। स्कोरबोर्ड बिजली की तरह आगे बढ़ रहा था। शुरुआती 10 ओवर में पाकिस्तान ने 87 रन बना लिए थे और मैं निराश होकर सड़क पर आकार खड़ा हो गया। एक गुजराती अक्ल की आवाज आई कि ये मैच अब कमज़ोर दिल वालों के लिये नहीं है। इतने में छोटे भाई ने अंदर से आवाज़ लगाई कि अनवर को श्रीनाथ ने आउट कर दिया। मैं एक नई उम्मीद के साथ वापस मैच के साथ जुड़ गया। आमिर सोहिल कहां मानने वाले थे।

इसी बीच मैच का वह पल आ गया जिसने क्रिकेट के इतिहास में इस मैच को सदा के लिये अमर कर दिया। प्रसाद की एक गेंद को बाउंड्री के पार भेजने के बाद आमिर सोहिल ने अपने बेट और ऊँगली से इशारा करके प्रसाद को बताया कि वह हर गेंद को इसी तरह मारेंगे। प्रसाद का तो पता नहीं लेकिन मैं बहुत गुस्से में था। अगली ही गेंद पर आमिर सोहेल क्लीन बोल्ड हो गये, प्रसाद भी अपने गुस्से का इज़हार कर रहे थे।

मैं भी अपनी कुर्सी से उछल रहा था, सारा शहर सड़क पर था। यहाँ जीत से पहले जीत की ख़ुशी मनानी शुरू कर दी गई थी, हुआ भी कुछ इसी तरह दो 50 रन की साझेदारी के सिवा पूरी पकिस्तान की टीम ताश के पत्तो की तरह गिर गई। जीत भारत की हुई तो जश्न भी भारत में हुआ था वहीं पाकिस्तान से खबर आ रही थी कि वहां लोगो ने अपने टीवी सेट भी तोड़ दिये थे।

इन तमाम यादों और जुनूनों को समेटे रविवार 18-जून-2017 को फाइनल मुकाबले में भारत और पकिस्तान फिर से आमने सामने होंगे। भारत की बल्लेबाज़ी मजबूत है तो पाकिस्तान की गेंदबाजी। मेरी व्यक्तिगत राय है कि अगर भारत शुरुआती साझेदारी करने में कामयाब रहता है तो भारत के विजयी होने की उम्मीदें बढ़ जाएगी। लेकिन कहा जाता है ना कि क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है तो मुश्किल है ये कहना कि जीत किसकी होगी।

Cricket Fans During An India Pakistan Match
क्रिकेट मैच के दौरान भारत-पाकिस्तान समर्थक

लकीर के इस तरफ या उस तरफ, एक जगह जश्न जरूर मनाया जाएगा, मेरी ये व्यक्तिगत ख्वाइश है कि कोई ऐसा दिन हो जब दोनों तरफ जश्न मनाया जाये, लेकिन यकीनन ये दिन वैलेंटाइन डे तो नहीं सकता क्योंकि दोनों ही देश अपनी रूढ़िवादी मानसिकता के कारण इसकी इजाज़त नही देते। जहां भारत में इस दिन युवा युगल पर हमले होते हैं वहीं पाकिस्तान में एक अदालत ने अपने हुकुम में वैलेंटाइन डे के जश्न पर पाबंदी लगा दी है। अंत में यही उम्मीद है कि दोनो देश के बीच अच्छा क्रिकेट होने के साथ साथ हर व्यक्ति का लोकतान्त्रिक अधिकार भी हो, तभी तो सही मायनो में जश्न होगा।

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