आधुनिकीकरण की बढ़ती हुई होड़ में प्राकृतिक सौंदर्य की भी परवाह ना करते हुए मनुष्य औद्योगिकीकरण, रोड चौड़ीकरण व अन्य विकास कार्यों के नाम पर दिन-रात जंगलों की अंधाधुंध कटाई करता जा रहा है। जंगल माफिया भी अपने फायदे के लिए कृषि योग्य भूमि व जंगल को काटने और आग लगाने में किसी से पीछे नहीं हैं। हर वर्ष 72 लाख हेक्टेयर से ज़्यादा वन क्षेत्र दूसरे आबादी क्षेत्र में बदलते जा रहे हैं। यदि इसी तरह तेज़ी से जंगल...
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