पिछले कुछ सालों में वायु प्रदूषण मानव जाति के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बनकर सामने आया है। आधुनिकीकरण की अंधी दौड़ में तेज़ी से बढ़ती पेट्रोल व डीज़ल चलित वाहनों की संख्या, निर्माण स्थलों से उठने वाली धूल के अति सूक्ष्म कण, कारखानों की चिमनियों से निकलने वाले धुएं, ठोस कचरे एवं खेत में फसलों के अवशेष जलाने, पराली, पटाखे, फैक्ट्रियां व अन्य कई कारणों से वैश्विक आबोहवा बिगड़ती जा रही है, जिसकी वजह स...
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