भारत जब अपनी आज़ादी के लिए संघर्ष कर रहा था, तब देश में महिला मानवाधिकारों की एक बहस की शुरुआत सावित्रीबाई फुले ने की थी। सावित्रीबाई फुले देश की पहली महिला शिक्षिका ही नहीं वरन वह पहली महिला मानवाधिकार कार्यकर्ता भी हैं, उन्होंने अपने जीवनकाल में, देश में उस समय महिला शिक्षा की बात की जब हमारा समाज महिला शिक्षा के बारे में चर्चा करना भी पाप समझता था, तब सावित्री बाई ने 1852 में महिलाओं के लिए...
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