“मैंने एक लड़की होकर समाज के बनाए हुए चारदीवारी के बंधनों को तोड़ा है”
शुभम ने हाल ही में हमारे साथ अपनी कार्यशाला और कोविड-19 के दौरान के FAT के सपोर्ट के अनुभवों को साझा किया है। इस बार शुभम हमारे साथ अपनी ज़िन्दगी के उन पहलुओं को लेकर हम से बात कर रही हैं, जब उन्होंने...
View Article“मज़हबी दीवारों को बड़े आराम से तोड़ती है मेरी चाय की एक प्याली”
चाय की बात ज़हन में आते ही सबसे पहला ख्याल ट्रेन का आता है। याद है ना? ट्रेन में सफर के दौरान सुबह जैसे ही नींद खुलती है, तो ‘चाय चाय’, ‘ए गरम चाय’, ‘खराब चाय’ की आवाज़ें हमें सुकून दे जाती हैं। ट्रेन...
View Articleसमाज में लैंगिक भेदभाव को मिटाता छपरा का ‘मयूर कम्युनिटी रेडियो’
लैंगिक असमानता की समस्या केवल महिलाओं को ही नहीं बल्कि पुरुषों को भी होती है। ज़िन्दगी में अच्छे से स्टेबल होने तक महिलाओं से ज़्यादा परेशानी का सामना पुरुषों को करना पड़ता है, क्योंकि समाज पुरुषों से...
View Articleबच्चों में बढ़ती ऑनलाइन गेम्स की लत, एक बड़े मानसिक विकार का खतरा
मोबाइल और इंटरनेट टेक्नोलॉजी ने हमें कई सहूलियतें दी हैं, हमारे जीवन को आसान बनाया, खासतौर पर कोविड काल में इसी के सहारे बच्चों की पढ़ाई चलती रही है लेकिन इसी टेक्नोलॉजी का एक दूसरा पहलू भी है, जो बेहद...
View Article“देश में आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति और गर्त में गिरता देश”
हमारे देश में चुनावी मौसम है या राजनीतिक दलों की एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने की प्रतिस्पर्धा का मौसम है? क्या यह चुनाव का समय है या एक-दूसरे पर आरोप और प्रत्यारोप लगाने का समय है? हमारे देश का...
View ArticleYKA पर साल 2021 की 21 बेझिझक आवाज़ें
साल 2021 की तमाम अच्छी-बुरी चीज़ों के बीच अब हम साल 2022 की दहलीज़ पर खड़े हैं। नया साल दस्तक देने को है और इन सबके बीच प्लेटफॉर्म के तौर पर ‘Youth Ki Awaaz’ के लिए जो बात सबसे अच्छी रही है, वो यह कि...
View Articleवो शायर जिसने उर्दू को आम जनमानस की जुबान बना दिया : मिर्जा गालिब
“हुई मुद्दत के गालिब मर गया, याद आता है वो हर बात पर कहना के यूं होता तो क्या होता (मिर्जा असद उल्लाद खां गालिब) उर्दू भाषा के जानकारों में ही नहीं अदब की दुनिया में आज भी जिंदा हैं।” मिर्जा गालिब केवल...
View Article“बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हमें उनकी अभिरुचि चुनने की स्वतंत्रता देनी...
इस हफ्ते काम के सिलसिले में मेरा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय जाना हुआ, तो आज का किस्सा इस विद्यालय की बच्चियों के सपनों और उसके सन्दर्भ में हुई बातचीत के नाम है। ऐसे ही एक उद्योग व प्रथम एजुकेशन...
View Articleहमारे देश में महिलाओं की वर्तमान स्थिति एवं चुनौतियां
हमारे समाज में बच्चियों को आदिशक्ति मानकर पूजा जाता है, मगर हकीकत किसी से छिपी हुई नहीं है। हमारा भारतीय समाज अपने सांस्कृतिक उत्सवों में कन्या-पूजन जैसे उत्सवों के आधार पर जो शारदीय नवरात्रों के मध्य...
View Articleनौकरशाही की उदासीनता में कैद आज़ादी के वीर नायक खुदीराम बोस की धरोहर
देश स्वयं के आज़ाद होने पर आज़ादी के 75वें साल में पहुंच कर अमृत महोत्सव बना रहा है, परंतु देश को आज़ाद कराने की चाहत में जिन क्रांतिकारियों ने हंसते-हंसते नादान सी उम्र में भी हंसते-हंसते फांसी के फंदे...
View ArticleOpinion: Are Resident Doctors Covid-19 Warriors Or Cannon Fodder?
Trigger warning: mentions of death and other traumatic instances related to Covid-19 The teaching hospitals and medical colleges of this country are practically the only public-funded and...
View Articleवर्तमान परिप्रेक्ष्य में महिलाओं की आज़ादी एवं मानवाधिकारों के लिए सावित्रीबाई...
भारत जब अपनी आज़ादी के लिए संघर्ष कर रहा था, तब देश में महिला मानवाधिकारों की एक बहस की शुरुआत सावित्रीबाई फुले ने की थी। सावित्रीबाई फुले देश की पहली महिला शिक्षिका ही नहीं वरन वह पहली महिला मानवाधिकार...
View Articleजानिए आदिवासी संस्कृति को फलक तक पहुंचाने वाली पद्मश्री भूरी बाई के बारे में
भारतीय भील कलाकार भूरी बाई को वर्ष 2021 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।भील जनजाति की संस्कृति को दीवारों और कैनवास पर उकेरने वाली मध्यप्रदेश की भूरी बाई को...
View Articleभारतीय मीडिया का वर्तमान स्वरूप एवं विस्मृत होती पत्रकारिता
लोकतांत्रिक देशों में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के क्रियाकलापों पर नज़र रखने के लिए मीडिया को ‘चौथे स्तंभ’ के रूप में जाना जाता है। विशेषकर भारत के लोकतंत्र को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र...
View Articleनई साल से अपने भविष्य को संवारने के लिए लें ये संकल्प
वैसे तो इंडियन मिडिल क्लास घरों में नया कैलेंडर धनतेरस की शॉपिंग के साथ आता है और अगर आप को तब ना मिला हो, तो 1 जनवरी के अखबार के साथ भी दुनिया भर के विज्ञापनों से भरा एक कैलेंडर मिल ही जाता है। एक खास...
View Articleबेरोजगारी एवं अकुशल नेतृत्व के कारण देश का युवा नशे में गिरफ्त
‘युवा’ जिसे भारतीय इतिहास में परिवर्तन का योद्धा माना जाता रहा है। ‘युवा’ शब्द का नाम लेते ही व्यक्ति के दिमाग में कुछ खास तस्वीरें घूमने लग जाती हैं, जिसमे भारतीय युवाओं के रोल मॉडल भगत सिंह, स्वामी...
View Articleकोविड की भयावहता में चुनावी रैलियां, सरकार कर रही हिंदुत्व का प्रचार
जहां एक तरफ कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन देश भर में तेज़ी से अपना पैर पसार रहा है। वहीं कई राजनैतिक दल अपनी चुनावी रैलियों में लग कर भीड़ जमा कर रहे हैं, जिस तरह राज्य सरकारों ने आम जनमानस के कई...
View Articleकोविड के दौरान चुनाव, आम जनमानस की जान के लिए कौन ज़िम्मेदार?
विश्व में कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के दस्तक देने के बाद से ही भारत सहित दुनिया के कई देशों में एक बार फिर से कोरोना के मामलों में तेज़ी आई है। इस लेख को लिखे जाने तक, भारत में पिछले 24 घंटो में...
View Articleमोबाइल पत्रकारिता (MOJO) के बारे में महत्वपूर्ण बातें, जो आपको ज़रूर जाननी चाहिए
हम जिस युग में जी रहे हैं आप उस को आधुनिक युग के नाम से तो जानते ही हैं और आप उस का एक और नाम इधर कुछ वर्षों से सुन रहे होंगे कि इसे डिजिटल दौर भी कहा जा रहा है। डिजिटल दौर ने हमें जो सब से चमत्कारी...
View Article“हमारे देश में राजनीति की गिरती शुचिता और धूमिल होता आम जनमानस”
“हिंसक होकर आप नेताओं के तलवे चाटें, राजनीति कहे तो आप भौंकें, राजनीति कहे तो आप काटें” विवेक विद्यार्थी की उपर्युक्त पंक्तियां वर्तमान समय में राजनीति के बदलते परिवेश पर युवाओं के लिए सटीक बैठती हैं।...
View Article