129 साल पहले जब विदेशी मेहमानों के सामने शिकागो के मंच से स्वामी विवेकानंद ने भाषण दिया तो कई मिनटों तक तालियों की गूंज हर तरफ गूंजती रही। पूरी दुनिया के सामने भारत की सभ्यता, संस्कृति और गौरव का ऐसा परचम लहराया कि वह भाषण आज के दौर में भी बहुचर्चित और प्रासंगिक बना हुआ है। व्यक्तित्व और युवाओं के प्रति निष्ठा की एक ऐसी सदी गुज़रने के बाद भी विवेकानंद जी का जन्मदिवस हर वर्ष 12 जनवरी को सम्पूर्ण देश...
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