उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद ज़िले में AIMIM के सदर असदुद्दीन ओवैसी के काफिले पर हमले के बाद मामूली संशोधन के साथ पुरानी कहावत याद आ गई। पुराने ज़माने में लोग कहा करते थे कि “सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे” लेकिन अब चुनाव से पहले इसी नाम से नया वारंट सामने आया है कि “ना सांप मरे ना लाठी टूटे” ये हमला उस वक्त हुआ जब बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी उत्तर प्रदेश के मेरठ में चुनाव का प्रचार खत्म कर दिल्ली लौट...
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