“बेटी जब जन्म लेती है, तो गाँव-समाज की आंखों से आंसू इसलिए नहीं निकलते हैं कि बेटी हुई हैं? बल्कि इसलिए निकलते हैं कि बेटी अच्छे घर में ब्याह कर चली जाती है, तब उसके साथ-साथ उसके परिवार का जीवन सफल होता है।” इस बात में कहां तक सच्चाई है? हम इस बात से मुकर नहीं सकते कि हमारे समाज के लोगों के जरिये ही यह धारणा बनाई गई है। यह धारणा आज से नहीं एक लम्बे समय से चली आ रही है, तब तो लड़कियों (बेटी) क...
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